भाड़ में जाओ भारतीय…’ ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र की पिटाई, नस्लभेदी हमले में सिर में गंभीर चोट

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र पर नस्लभेदी हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

पूरा मामला क्या है?

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां भारतीय छात्र चरणप्रीत सिंह पर नस्लीय टिप्पणी करते हुए हमला किया गया। यह हमला पांच लोगों ने मिलकर किया और इस दौरान छात्र को गंभीर चोटें आईं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने पहले छात्र को गालियां दीं, फिर उस पर हमला बोल दिया।

यह घटना कहां और कब की है?

यह घटना शनिवार रात 9:22 बजे एडिलेड के किंटोर एवेन्यू पर हुई। चरणप्रीत सिंह अपनी पत्नी के साथ कार में बैठे थे और वहां चल रहे इल्यूमिनेट लाइट्स शो को देखने आए थे। अचानक पांच लोगों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और गाली-गलौज करने लगे।

हमलावरों ने कैसे किया हमला?

हमलावरों ने पहले गाड़ी की खिड़की तोड़ी और फिर चरणप्रीत पर हमला कर दिया। उनके हाथ में नुकीली चीजें थीं जिनसे उन्होंने छात्र को मारा। इस हमले में छात्र के सिर, आंख और नाक पर गंभीर चोटें आईं। उनकी पत्नी इस दौरान मदद के लिए चिल्लाती रहीं लेकिन हमलावर नहीं रुके।

पीड़ित छात्र की हालत कैसी है?

चरणप्रीत सिंह को हमले के बाद बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति गंभीर बताई है। उनके सिर पर टांके लगे हैं और आंखों के पास गहरी चोटें हैं। पीड़ित ने कहा कि यह हमला पूरी तरह नस्लीय था क्योंकि हमलावरों ने साफ शब्दों में कहा – “भाड़ में जाओ भारतीय।”

पुलिस की कार्रवाई क्या रही?

घटना की सूचना मिलने पर साउथ ऑस्ट्रेलिया पुलिस मौके पर पहुंची। एक 20 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। पुलिस ने बाकी चार हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। लोगों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि विदेशों में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForCharanpreet ट्रेंड कर रहा है और लोग सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार की प्रतिक्रिया

साउथ ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियर पीटर मालिनौस्कास ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला राज्य की मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द पकड़ कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने भारतीय समुदाय को भरोसा दिलाया कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।

विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता

यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी भारतीय पर विदेश में नस्लभेदी हमला हुआ हो। पहले भी कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। वहां पढ़ाई या काम के सिलसिले में गए भारतीयों को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह घटना फिर से एक बार इस चिंता को गहरा करती है।

पीड़ित छात्र ने क्या कहा?

अस्पताल से दिए गए इंटरव्यू में चरणप्रीत सिंह ने कहा, “आप अपने शरीर में कुछ भी बदल सकते हैं, लेकिन अपने रंग को नहीं बदल सकते।” उन्होंने कहा कि ऐसा लगा जैसे कोई युद्ध छिड़ गया हो। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ऐसी घटनाएं होती रहीं, तो भारतीयों के लिए वहां रहना मुश्किल हो जाएगा।

निष्कर्ष

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र पर हुआ यह हमला एक बार फिर इस बात को सामने लाता है कि नस्लभेद जैसी समस्याएं आज भी खत्म नहीं हुई हैं। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि पूरी भारतीय समुदाय की गरिमा पर चोट है। सरकार को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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