Vijayadashami 2025 Muhurat: Aparahna Puja Time, Vijay Muhurat Exact
भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक विजयदशमी या दशहरा 2025 में भी पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन का सबसे अहम पहलू है विजय मुहूर्त और अपराह्न पूजा का समय, जिसे विशेष रूप से शास्त्रों में शुभ माना गया है। अगर आप Vijay muhurat 2025 या Aparahna puja time जानना चाहते हैं, तो यहाँ आपको तिथि, समय और पूजा विधि की पूरी जानकारी मिलेगी।
डेल्ही रेफरेंस मुहूर्त 2025
ज्योतिष गणना के अनुसार, दशहरा के दिन सबसे शुभ समय विजय मुहूर्त माना जाता है। Drik Panchang और अन्य पंचांगों के आधार पर दिल्ली रेफरेंस में यह समय इस प्रकार है:
- अपराह्न काल: दोपहर 1:21 बजे से 3:44 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक
इसी दौरान पूजा करने से विजय, सफलता और समृद्धि की प्राप्ति मानी जाती है। ज्यादातर पंचांगों में Delhi reference time दिया जाता है ताकि पूरे भारत के लिए एक सामान्य मानक हो। हालांकि हर शहर का सूर्योदय और सूर्यास्त अलग होता है, इसलिए समय में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।
दशमी तिथि: कब शुरू और कब समाप्त?
Dashami 2025 tithi का निर्धारण चंद्रमा की गति के आधार पर किया जाता है।
- दशमी तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर 2025, सुबह 10:31 बजे
- दशमी तिथि समाप्ति: 2 अक्टूबर 2025, सुबह 9:12 बजे
हालांकि दशहरा का पर्व 1 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा, क्योंकि उस दिन सूर्योदय के समय दशमी तिथि विद्यमान है।
शहर अनुसार समय क्यों बदलता है?
अक्सर लोग पूछते हैं कि दिल्ली और उनके शहर के समय में अंतर क्यों है। इसका कारण है भौगोलिक स्थिति।
- हर शहर का सूर्योदय–सूर्यास्त अलग होता है।
- मुहूर्त की गणना सूर्य की गति और चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होती है।
- उत्तर भारत और दक्षिण भारत के शहरों में 5–25 मिनट तक का अंतर आ सकता है।
इसलिए अगर आप दिल्ली से बाहर रहते हैं, तो अपने लोकल पंचांग या Time and Date जैसे विश्वसनीय पोर्टल से पुष्टि जरूर करें।
विजयदशमी पूजा विधि (संक्षेप)
विजयदशमी 2025 पर पूजा विधि सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली होती है। Aparahna puja time के दौरान यह क्रम अपनाना श्रेष्ठ माना जाता है:
- सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर संकल्प लें।
- मां दुर्गा या देवी अपराजिता की प्रतिमा/चित्र पर फूल, धूप, दीप और प्रसाद चढ़ाएं।
- शमी वृक्ष पूजा: शमी के पत्ते अर्पित करना शुभ होता है।
- आयुध पूजन: अपने औजार, वाहन या व्यवसाय से जुड़े उपकरणों की पूजा करें। (देखें: आयुध पूजन 2025)
- अपराजिता पूजन: देवी अपराजिता को हल्दी, कुमकुम और फूल अर्पित करें।
कुछ क्षेत्रों में इस दिन विद्यारंभ संस्कार की भी परंपरा है, जहाँ बच्चे शिक्षा की शुरुआत करते हैं।
FAQs: सरल सवाल–जवाब
Vijay muhurat kya hota hai?
दशमी तिथि में सूर्यास्त से पहले का विशेष समय जब विजय और सफलता की प्राप्ति हेतु पूजा की जाती है, उसे विजय मुहूर्त कहते हैं।
Aparahna puja time ka matlab kya hai?
दिन के तीन भाग होते हैं – प्रातःकाल, अपराह्न और सायंकाल। दोपहर के बाद और सूर्यास्त से पहले का समय अपराह्न कहलाता है। इसी दौरान दशमी की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है।
दशहरा दिन क्यों खास होता है?
यह दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया।
नवरात्रि, आयुध पूजन और विद्यारंभ से जुड़ाव
विजयदशमी नवरात्रि के समापन का दिन है। नौ दिन तक चलने वाले उपवास और पूजन के बाद दशमी को विजय का पर्व मनाया जाता है।
निष्कर्ष: विजयदशमी 2025 का शुभ लाभ
Vijayadashami 2025 केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि सांस्कृतिक एकता और शुभता का प्रतीक है। अगर आप Vijay muhurat 2025 या Aparahna puja time का पालन करते हुए पूजा करेंगे, तो मान्यता है कि जीवन में सफलता और विजय का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
ध्यान रखें कि दिल्ली रेफरेंस समय को आधार मानते हुए अपने शहर का स्थानीय समय जरूर जांचें। इस प्रकार आप सही समय पर पूजा करके परंपरा का पूरा लाभ उठा सकेंगे।
















