SSC परीक्षा गड़बड़ियों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन, नीतू मैम हुईं भावुक
देशभर में SSC परीक्षा प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों को लेकर गुरुवार को छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में कई शिक्षकों ने भी सक्रिय भागीदारी की, जिनमें चर्चित शिक्षिका नीतू सिंह (नीतू मैम) भी शामिल रहीं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी, जिसके चलते कई छात्रों और शिक्षकों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस का लाठीचार्ज और गिरफ्तारी
दिल्ली में हुए इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं और कुछ को थाने ले जाया गया। इनमें नीतू मैम भी शामिल थीं, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया।
भावुक हुईं नीतू मैम
मीडिया से बातचीत में नीतू मैम ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा –
“जिस थाने में मुझे रखा गया, वहां जितने भी SI थे वो सब मुझसे पढ़े हुए थे। नजरें नहीं मिला पा रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे और वह उन्हें दोष नहीं देतीं।
“सरकारी नौकरी में आदेश मानना कर्तव्य”
नीतू मैम ने बताया कि वह हमेशा अपने छात्रों को यह सिखाती हैं कि सरकारी सिस्टम में रहते हुए आदेशों का पालन करना कर्तव्य है, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों। उन्होंने कहा –
“वो अपनी जॉब से मजबूर थे, मैं उन्हें दोष नहीं दूंगी। मैं खुद उन्हें यही सिखाती हूं कि अगर आप सरकारी सिस्टम में हैं तो सरकार के आदेश मानना आपका कर्तव्य है।”
आंदोलन की पृष्ठभूमि
यह प्रदर्शन SSC परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और भर्ती में कथित अनियमितताओं के खिलाफ किया गया था। छात्र लंबे समय से इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
देशभर में फैला आंदोलन
दिल्ली, लखनऊ, पटना, जयपुर और कई अन्य शहरों में छात्रों ने सड़क पर उतरकर विरोध किया। सोशल मीडिया पर भी #SSCProtest और #JusticeForStudents जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे।
सरकार और आयोग का रुख
अब तक SSC और सरकार की ओर से इस मामले पर कोई बड़ा बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा करने और छात्रों की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति बनाई जा सकती है।
छात्रों की मांग
- परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए
- कथित गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच हो
- भर्ती प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जाए
- ऑनलाइन रिजल्ट और मेरिट लिस्ट की पब्लिक ऑडिट हो
निष्कर्ष
नीतू मैम का यह भावुक बयान न केवल उनके छात्रों के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे शिक्षा और नैतिकता, कठिन परिस्थितियों में भी एक-दूसरे के साथ जुड़ी रहती हैं। छात्रों का यह आंदोलन आने वाले समय में भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा असर डाल सकता है।