साले की पत्नी संग फरार हुआ जीजा! भाभी बनी सौतन, 5 बच्चों के उजड़े घर की दर्दनाक कहानी
मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटा के कुम्हारी थाना क्षेत्र से रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां देवरी रतन गांव के रहने वाले विनोद अहिरवार अपने ही साले की पत्नी के साथ फरार हो गया। दोनों पहले से शादीशुदा हैं और पांच बच्चों के माता-पिता भी हैं।
पूरा मामला क्या है?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विनोद अहिरवार की शादी सोना चौधरी से हुई थी और उनके दो छोटे बच्चे हैं। वहीं उसका साला बसंत चौधरी अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सुखी जीवन बिता रहा था। लेकिन दोनों परिवारों की खुशियों को उस वक्त ग्रहण लग गया जब विनोद और बसंत की पत्नी के बीच प्रेम संबंधों की भनक लगी।
कुछ ही दिनों बाद दोनों अचानक गायब हो गए। परिजन पहले तो समझ नहीं पाए, लेकिन धीरे-धीरे सारी बातें साफ होती गईं। अब यह साफ हो चुका है कि विनोद अपने साले की पत्नी को लेकर फरार हो गया है।
घटना कब और कहां की है?
यह मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटा थाना अंतर्गत कुम्हारी पुलिस स्टेशन क्षेत्र का है। गांव का नाम है देवरी रतन, जहां से दोनों अचानक गायब हुए। घटना की पुष्टि होते ही पूरा इलाका स्तब्ध रह गया।
क्या कह रहे हैं दोनों परिवार?
विनोद की पत्नी सोना और बसंत चौधरी (जो कि आपस में बहन-भाई हैं) अब थाने में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे हैं। सोना का कहना है कि उसका पति बिना कुछ बताए घर छोड़ गया, और जाते-जाते उसके और बच्चों के भविष्य को भी अंधकार में छोड़ गया। वहीं बसंत का दर्द भी अलग है — पत्नी और तीन बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी अब अकेले उसके कंधों पर आ गई है।
सोना कहती हैं: “हम तो बहन-भाई हैं, लेकिन हमारी जिंदगी ही तबाह हो गई एक ही इंसान से।”
पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
थाना प्रभारी ब्रजेश पांडे ने बताया कि दोनों के गायब होने के बाद गुम इंसान प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही दोनों की दस्तयाबी की जाएगी और बयान लिए जाएंगे। फिलहाल जांच जारी है और दोनों के फोन स्विच ऑफ हैं।
गांव में क्या माहौल है?
गांव में इस घटना के बाद भारी चर्चा का माहौल है। लोग हैरान हैं कि जो रिश्ता कभी भाई-बहन के परिवारों को जोड़ता था, अब वही रिश्ता टकराव और कलंक का कारण बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी दोनों में नजदीकियां देखी गई थीं, लेकिन किसी ने इतना बड़ा कदम उठाने की कल्पना नहीं की थी।
क्या है सामाजिक और पारिवारिक असर?
इस घटना से ना सिर्फ दो परिवार उजड़ गए, बल्कि पांच मासूम बच्चों की परवरिश पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। विनोद के दो छोटे बच्चे अब मां के भरोसे हैं, जबकि बसंत के तीन बच्चे पिता के सहारे जी रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, भाभी अब सौतन बन चुकी है, और इन दोनों परिवारों की साख समाज में कमजोर हो गई है। यह मामला रिश्तों के ताने-बाने को हिला देने वाला है।
इस मामले से क्या सीख मिलती है?
रिश्तों में विश्वास, मर्यादा और सीमाओं का पालन करना बहुत जरूरी है। एक व्यक्ति के गलत फैसले से ना सिर्फ उसका परिवार, बल्कि बच्चों और समाज की छवि पर भी गहरा असर पड़ता है।
यह घटना साफ दर्शाती है कि जब व्यक्तिगत इच्छाएं सामाजिक जिम्मेदारियों पर भारी पड़ने लगें, तो पूरा तंत्र हिल जाता है।
निष्कर्ष
दमोह जिले की यह घटना केवल एक पारिवारिक कलह नहीं, बल्कि समाजिक सोच और संबंधों की मर्यादा पर बड़ा सवाल है। अब देखना होगा कि पुलिस की जांच के बाद क्या सच्चाई सामने आती है और क्या दोनों को समाज स्वीकार कर पाएगा?
फिलहाल, दोनों परिवार बुरी तरह से टूट चुके हैं और बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और न्याय दोनों बरकरार रखें।
📌 स्रोत:
स्थानीय पुलिस रिपोर्ट, ग्रामीणों के बयान और मीडिया कवरेज
📢 Disclaimer:
यह समाचार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों पर आधारित है। इसमें किसी भी प्रकार की कल्पना या अतिरिक्त जानकारी नहीं जोड़ी गई है। उद्देश्य केवल सूचना देना है।
















