IPS प्रेमिका की कामना में उठाई 121 लीटर की कांवड़, 12वीं पास राहुल का अनोखा समर्पण
प्रेम और आस्था की अनोखी मिसाल
दिल्ली के रहने वाले राहुल कुमार ने प्रेम और आस्था का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसने लाखों लोगों का दिल छू लिया है। महज 12वीं पास राहुल ने अपनी प्रेमिका के IPS बनने की मुराद के लिए 121 लीटर गंगाजल की भारी भरकम कांवड़ उठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक की यात्रा शुरू की है।
जहां सावन के महीने में लाखों कांवड़िए भोलेनाथ की भक्ति में डूबे होते हैं, वहीं राहुल की यह यात्रा भक्ति के साथ-साथ उनके सच्चे प्रेम और सपनों की साझेदारी का भी प्रतीक बन गई है।
कौन हैं राहुल कुमार?
राहुल कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई की है। हालांकि उनकी पढ़ाई भले ही अधूरी रह गई हो, लेकिन उन्होंने अपनी प्रेमिका के लिए एक बड़ा सपना देखा है – कि वह एक दिन IPS अधिकारी बने।
राहुल का कहना है:
“मैं तो आगे नहीं पढ़ पाया, लेकिन चाहता हूं कि मेरी गर्लफ्रेंड देश की सेवा करे और IPS अधिकारी बने।”
इस सोच के साथ उन्होंने अपने प्रेम और आस्था को जोड़ते हुए कांवड़ यात्रा का कठिन निर्णय लिया।
121 लीटर गंगाजल – साहस और श्रद्धा का प्रतीक
अधिकांश कांवड़िए 10 से 30 लीटर तक गंगाजल ले जाते हैं, लेकिन राहुल कुमार ने 121 लीटर गंगाजल को अपनी कांवड़ में शामिल किया, जो अपने-आप में एक बड़ी बात है। इतनी भारी कांवड़ उठाकर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करना किसी तपस्या से कम नहीं है।
भीषण गर्मी, धूप और थकान के बावजूद राहुल ने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि मन की शक्ति और प्रेम का इम्तिहान है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ राहुल का वीडियो
राहुल की इस अनोखी आस्था और प्रेम की कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। लोग उनकी ईमानदारी और समर्पण की तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा:
- “ऐसा प्यार आज के ज़माने में कहां मिलता है?”
- “राहुल का जज़्बा और सोच काबिल-ए-तारीफ है।”
- “12वीं पास लड़का इतना सोच सकता है, ये अपने आप में प्रेरणादायक है।”
राहुल की गर्लफ्रेंड कौन है?
फिलहाल राहुल ने अपनी प्रेमिका की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं और उनकी सबसे बड़ी ख्वाहिश यही है कि वो IPS बनें।
इस मन्नत के लिए उन्होंने कांवड़ यात्रा को चुना ताकि भोलेनाथ से प्रार्थना कर सकें कि उनकी प्रेमिका को सफलता मिले।
समाज में मिल रहे दोतरफा रिएक्शन
जहां एक ओर सोशल मीडिया पर राहुल की तारीफ हो रही है, वहीं कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या इस तरह प्रेमिका के लिए कांवड़ उठाना सही संदेश देता है?
कई लोगों का मानना है कि यह प्रेम और समर्पण की उत्कृष्ट मिसाल है, वहीं कुछ लोगों ने इसे सोशल मीडिया स्टंट भी बताया है। हालांकि, राहुल के जज़्बे और मेहनत को नकारा नहीं जा सकता।
क्या कहता है समाज और युवा वर्ग?
राहुल की कहानी खासकर युवा वर्ग को काफी प्रेरित कर रही है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग इस बात से प्रभावित हैं कि एक युवक खुद पढ़ा-लिखा नहीं, लेकिन अपनी प्रेमिका के सपनों को पूरा करने की निस्वार्थ इच्छा रखता है।
“जो खुद ना पढ़ सका, वो चाहता है कि उसकी गर्लफ्रेंड अफसर बने — यही तो असली प्यार है।”
कांवड़ यात्रा: आस्था से जुड़ी परंपरा
सावन माह में हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों से गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है और भक्ति, शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है।
लेकिन जब इस परंपरा में प्रेम और समर्पण की भावना भी जुड़ जाए, तो यह और भी भावनात्मक और प्रेरणादायक बन जाती है — ठीक वैसे ही जैसे राहुल कुमार की कहानी।
निष्कर्ष
राहुल कुमार की यह कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह एक आस्था और प्रेम की गाथा है। जहां एक ओर उनकी पढ़ाई अधूरी रह गई, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपनी प्रेमिका के लिए बड़ा सपना देखा — एक ऐसा सपना जिसे वो अपनी मेहनत और शिव भक्ति के माध्यम से सच होते देखना चाहते हैं।
राहुल जैसे लोगों की कहानियां इस बात का उदाहरण हैं कि सच्चा प्रेम वही होता है जिसमें आप खुद से ज्यादा सामने वाले की तरक्की की दुआ करें।