BREAKING :

मनीषा की दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट: Suicide का दावा, पर 8 अनसुलझे सवाल कायम | Manisha Postmortem Report Update

Nayi News Today female journalist with NNT mic and ID in newsroom background
On: August 20, 2025 11:13 AM
Follow Us:
Bhiwani Manisha Case Second Postmortem Report

हरियाणा के भिवानी जिले की प्ले स्कूल टीचर मनीषा की second postmortem report सामने आने के बाद केस एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट में suicide का संकेत है, जबकि परिवार और ग्रामीणों ने इस निष्कर्ष पर गंभीर सवाल उठाए हैं। फिलहाल गांव ढाणी लक्ष्मन में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

दूसरी रिपोर्ट में क्या निकला निष्कर्ष?

सूचना के अनुसार, पुलिस का दावा है कि दूसरी पोस्टमार्टम/विसरा जांच में जहर का सेवन मौत का संभावित कारण बताया गया है। बताया जा रहा है कि FSL की जांच से शरीर में जहरीले पदार्थ की मौजूदगी की पुष्टि हुई। पुलिस का यह भी कहना है कि suicide note की हैंडराइटिंग match होने का निष्कर्ष सामने आया है। हालांकि, रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है और स्वतंत्र पुष्टि का इंतजार है।

परिजन क्यों नहीं मान रहे suicide थ्योरी?

परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके उठाए सवालों का जवाब नहीं दिया जाता, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उनकी आपत्ति है कि जांच की पारदर्शिता और टाइमलाइन पर स्पष्टता नहीं दी गई। इसी बीच, स्थानीय प्रशासन ने शांति-व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है।

8 अनसुलझे सवाल जो केस को उलझा रहे हैं

मामले में ये 8 प्रश्न अभी भी जवाब मांग रहे हैं:

  • मनीषा ने घर से लगभग 7 किमी और स्कूल से करीब 1.5 किमी दूर नहर के पास जाकर suicide क्यों किया?
  • अगर animal scavenging हुई, तो सिर्फ चेहरा ही क्यों प्रभावित हुआ, बाकी शरीर क्यों नहीं?
  • मनीषा ने suicide क्यों किया? root cause — मानसिक दबाव, सामाजिक परिस्थितियां, या अन्य कारण — क्या थे?
  • जिम्मेदारी किसकी है? किन persons/circumstances ने उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया?
  • Suicide note को public करने में देरी क्यों हुई? यदि पहले दिन मिला था तो तत्काल साझा क्यों नहीं किया गया?
  • धरने के दौरान पुलिस-प्रशासन पर बयानबाजी करने वाले नेताओं पर legal/administrative action होगा या नहीं?
  • क्या मामले को political color देकर तूल दिया गया? यदि हाँ, तो false allegations पर जवाबदेही तय होगी?
  • सस्पेंड किए गए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की liability कैसे तय होगी, यदि प्रत्यक्ष जिम्मेदारी साबित नहीं होती?

क्या है केस की पृष्ठभूमि?

ढाणी लक्ष्मन, भिवानी की 19 वर्षीय मनीषा play school teacher थीं। 11 अगस्त 2025 को वे अचानक लापता हो गईं। 13 अगस्त 2025 को उनका शव नहर के पास मिला। शुरुआती चरण में परिवार ने police negligence का आरोप लगाया। इसी बीच, सरकार ने कार्रवाई करते हुए SP का तबादला और 5 पुलिसकर्मियों का निलंबन किया।

पहली रिपोर्ट, विसरा और दूसरी रिपोर्ट—टाइमलाइन

परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। इसके बाद पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में suicide का संकेत होने की पुलिस ने जानकारी दी। Objections के बाद नमूने Rohtak PGI भेजे गए। विसरा विश्लेषण में poison ingestion के संकेत मिलने का दावा किया गया। अंततः second postmortem/viscera findings का हवाला देकर पुलिस ने suicide की थ्योरी दोहराई।

पुलिस का आधिकारिक पक्ष—क्या-क्या कहा गया

बताया जा रहा है कि ब्रीफिंग में वरिष्ठ अधिकारी ने कहा—FSL में toxic substance मिला, जो fertilizer/pesticide टाइप का हो सकता है; chemical attack या acid के प्रमाण नहीं; sexual assault के कोई सबूत नहीं; और suicide note handwriting match की बात सामने आई। सूचना के अनुसार, note पहले दिन ही बरामद किया गया था पर technical examination के कारण सार्वजनिक करने में विलंब हुआ।

परिवार और ग्रामीण—मुख्य आपत्तियां

परिजन पूछ रहे हैं कि motive क्या था—क्योंकि cause of death की फोरेंसिक पुष्टि motive का स्वतः उत्तर नहीं है। वे location choice, timeline, phone records, और CCTV/last seen जैसे बिंदुओं पर स्पष्टता मांग रहे हैं। ग्रामीणों का मत है कि transparency के बिना closure संभव नहीं।

कानूनी प्रक्रिया—आगे क्या अपेक्षित

कानूनी रूप से, inquest proceedings, FSL और postmortem निष्कर्षों के साथ Section 174 CrPC के तहत unnatural death के कारणों का रिकॉर्ड बनता है। यदि परिवार ठोस विरोध दर्ज करता है तो Magisterial inquiry या judicial oversight का विकल्प संभव है। इसी बीच, call detail records, financial trails, और last movements की विस्तृत जांच से motive और abetment जैसी धाराओं की संभावना पर निर्णय बनता है।

Mental health और community response

इस प्रकरण ने mental health, family support और social pressure पर जरूरी चर्चा छेड़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि early intervention, counseling access और school-community सहयोग से कई त्रासदियां टाली जा सकती हैं। फिलहाल, समुदाय में शांति बनाए रखने और due process का सम्मान करना बेहद जरूरी है।

फिलहाल स्थिति—अंतिम संस्कार और कानून-व्यवस्था

इधर, परिवार ने सवालों के जवाब मिलने तक अंतिम संस्कार टालने का निर्णय लिया है। फिलहाल, गांव में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन की टीमें तैनात हैं। हालांकि, अधिकारी कह रहे हैं कि जैसे-जैसे जांच के दस्तावेज public domain में आएंगे, भ्रम दूर होंगे।


Internal Links: राज्य समाचार | अपराध समाचार

External Trusted Media Link: प्रमुख हरियाणा न्यूज़ पोर्टल (संदर्भ हेतु)


Author Bio (NNT Desk): NNT Desk निष्पक्ष, तथ्य-आधारित पत्रकारिता के मूल्यों पर काम करता है। हमारी टीम सत्यापन, संदर्भ और मानवीय पहलू पर समान जोर देती है।

Disclaimer: इस रिपोर्ट में प्रयुक्त तथ्य उपलब्ध सार्वजनिक बयानों और आधिकारिक दावों पर आधारित हैं। जहां सूचना अपुष्ट है, वहां “सूचना के अनुसार/बताया जा रहा है/इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है” का उल्लेख किया गया है। जांच प्रचलित है; अंतिम निष्कर्ष संबंधित प्राधिकरणों के आधिकारिक प्रकाशन के बाद ही माना जाए।

This article is published by Nayi News Today — an independent digital platform covering viral and trending stories from the internet and social media. We do not claim verification of any content and only share information intended for public awareness.

Join WhatsApp

Join Now

Follow Instagram

Follow Now

Leave a Comment