करवा चौथ पूजा का सही समय 2025
करवा चौथ व्रत 2025 में 17 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं सुबह से निर्जला उपवास करती हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही जल ग्रहण करती हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त (दिल्ली संदर्भ अनुसार): शाम 5:54 बजे से 7:11 बजे तक। अन्य शहरों के लिए समय थोड़ा अलग हो सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग या Drikpanchang देखें।
करवा चौथ पूजा समाग्री लिस्ट
- करवा (मिट्टी/पीतल का)
- दीपक और रुई की बाती
- चालनी (Channi)
- सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, चूड़ी
- लाल चुनरी
- श्रृंगार सामग्री
- मिठाई, फल और पूजन प्रसाद
स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि
- संकल्प: सुबह स्नान के बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें।
- करवा माता/पार्वती पूजा: सायंकाल करवा, मिट्टी की वेदी और माता पार्वती की तस्वीर/प्रतिमा रखें। दीप जलाएं।
- कथा वाचन: परिवार या मंडली में करवा चौथ व्रत कथा सुनाई जाती है।
- आरती: महिलाओं का समूह मिलकर माता पार्वती और शिवजी की आरती करता है।
- चंद्र दर्शन और अर्घ्य: चांद निकलने पर छलनी से दर्शन करें, जल अर्पित करें और पति का आशीर्वाद लें।
- पारण: पति के हाथ से जल पीकर व्रत का समापन करें।
करवा चौथ कथा (संक्षेप)
करवा चौथ की कथा महाभारत काल से जुड़ी मानी जाती है। एक बार पांडव संकट में थे, तब द्रौपदी ने करवा चौथ का व्रत किया और भगवान कृष्ण की कृपा से सब बाधाएं दूर हो गईं।
एक अन्य कथा में साहूकार की बेटी का उल्लेख है, जिसने अपनी भाभियों के कहने पर समय से पहले व्रत तोड़ दिया और उसका पति अस्वस्थ हो गया। बाद में उसने निष्ठा से पुनः करवा चौथ का व्रत किया और पति का जीवन लंबा हुआ।
सोसायटी/कम्युनिटी पूजा शॉर्टकट्स
आजकल कई सोसायटी और कॉलोनियों में कम्युनिटी पूजा का चलन है। सभी महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर साझा थाली सजाती हैं और सामूहिक रूप से कथा और आरती करती हैं। इससे समय की बचत होती है और श्रद्धा का माहौल भी गहरा होता है।
FAQs: करवा चौथ पूजा से जुड़े सवाल
Q1: पूजा में छलनी (Channi) का प्रयोग क्यों किया जाता है?
A: छलनी से चांद और पति को एक साथ देखने का अर्थ है रिश्ते की मजबूती और लंबी आयु की कामना।
Q2: क्या अविवाहित महिलाएं करवा चौथ कर सकती हैं?
A: हां, कई अविवाहित महिलाएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करवा चौथ व्रत रखती हैं।
और पढ़ें: करवा चौथ सरगी लिस्ट 2025
















