मिस कॉल से शुरू हुआ प्यार, ट्रक ड्राइवर ने किया दो साल तक संबंध और फिर शादी से किया इनकार
बिहार के जमुई जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां एक ट्रक ड्राइवर और युवती की प्रेम कहानी की शुरुआत एक साधारण मिस कॉल से हुई, जो दो साल तक चले प्रेम संबंध और फिर शादी के इनकार तक जा पहुंची। मामला इतना बढ़ गया कि बात थाने और मंदिर तक जा पहुंची।
कैसे शुरू हुई ये अनोखी प्रेम कहानी?
करीब दो साल पहले की बात है जब जमुई जिले की एक युवती को अंजान नंबर से मिस कॉल आया। युवती ने जब उस नंबर पर कॉल बैक किया, तो दूसरी तरफ ट्रक ड्राइवर सचिन कुमार थे, जो कोयबा गांव के रहने वाले हैं। शुरुआत में कुछ सामान्य बातचीत हुई, लेकिन धीरे-धीरे ये बातचीत दोस्ती में बदल गई और फिर दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया।
सचिन और युवती की बातचीत रोजाना होने लगी। दोनों घंटों-घंटों फोन पर बातें करते थे और धीरे-धीरे एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए। ट्रक ड्राइवर होने के कारण सचिन देशभर में घूमता था, लेकिन हर जगह से युवती को कॉल करना नहीं भूलता था।
प्रेम संबंध और धोखे की कहानी
फोन पर शुरू हुई ये मोहब्बत जल्द ही मुलाकातों में बदल गई। कई बार दोनों ने एक-दूसरे से गुपचुप तरीके से मुलाकात की। इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने। युवती ने भरोसा किया कि सचिन उससे जल्द ही शादी करेगा।
लेकिन दो साल बीत जाने के बाद जब युवती ने शादी की बात की, तो सचिन टालमटोल करने लगा। एक दिन उसने साफ शब्दों में शादी से इनकार कर दिया। यही बात युवती को बर्दाश्त नहीं हुई। वह सचिन से मिलने जमुई रेलवे स्टेशन पहुंच गई, जहां दोनों के बीच जमकर बहस हुई।
रेलवे स्टेशन पर हुआ विवाद
जमुई रेलवे स्टेशन पर जब दोनों की बहस बढ़ने लगी, तो वहां मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी जीआरपी को दी। जीआरपी (Government Railway Police) की टीम मौके पर पहुंची और दोनों को थाने ले जाया गया।
थाने में पूछताछ के दौरान दोनों ने अपनी पूरी कहानी बताई। युवती ने स्पष्ट रूप से कहा कि सचिन ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और अब वह मुकर रहा है। पुलिस ने युवती के परिजनों को बुलाया, साथ ही युवक के घरवालों से भी संपर्क किया गया।
सामाजिक दबाव में मंदिर में हुई शादी
थाने में मौजूद समाज के बुजुर्गों और परिजनों ने दोनों को समझाया और आखिरकार सामाजिक दबाव में मंगलवार रात को दोनों की मंदिर में शादी करवा दी गई। शादी में युवती के परिजन, गांव के लोग और पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे।
इस शादी के बाद युवती ने राहत की सांस ली। वह लगातार दो सालों से संबंधों में थी और अब समाज के सामने सम्मानजनक विवाह से संतुष्ट है। युवक ने भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए शादी को स्वीकार कर लिया।
कौन हैं ये दोनों?
प्रेमी की पहचान कोयबा गांव निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई है। वह पेशे से ट्रक ड्राइवर है और अक्सर दूर-दराज के राज्यों में सामान लेकर जाता है। युवती संगीता कुमारी है, जो जावा तारी गांव की रहने वाली है। वह घरेलू परिवेश से है और शादी की उम्मीद में सचिन के साथ रिश्ता निभा रही थी।
पुलिस की भूमिका रही संवेदनशील
इस पूरे प्रकरण में जीआरपी थाना अध्यक्ष मनोज देव ने बेहद शांत और संवेदनशील रवैया अपनाया। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया और कोई कानूनी कार्रवाई करने से पहले परिवार की सहमति से समस्या का समाधान निकाला।
उनका कहना था, “हमारा उद्देश्य केवल कानूनी कार्रवाई करना नहीं, बल्कि सामाजिक शांति बनाए रखना भी है। जब दोनों परिवार सहमत हैं और लड़की की इच्छा भी है, तो सामाजिक समाधान ही सर्वोत्तम है।”
क्या कहती है ये घटना समाज के लिए?
यह घटना उन हजारों कहानियों में से एक है जो डिजिटल युग की देन हैं। जहां मोबाइल और इंटरनेट की मदद से दो अंजान लोग एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं, लेकिन कई बार यह नजदीकियां नुकसानदायक भी साबित होती हैं।
सवाल यह भी उठता है कि क्या युवतियों को इतना विश्वास करना चाहिए किसी अनजान व्यक्ति पर? क्या प्यार के नाम पर भावनाओं का इस्तेमाल नहीं हो रहा? और क्या कानून को ऐसे मामलों में और सख्ती नहीं दिखानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं कम हो सकें?
निष्कर्ष
जमुई की यह घटना समाज के लिए एक बड़ा संदेश है। एक तरफ जहां यह मामला भावनाओं, भरोसे और सामाजिक दबाव की कहानी है, वहीं दूसरी ओर यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आज के युवाओं को रिश्तों के प्रति कितनी जिम्मेदारी होनी चाहिए।
मोबाइल फोन से शुरू हुई एक कॉल दो परिवारों को जोड़ भी सकती है और तोड़ भी सकती है। इसीलिए हर रिश्ते को समझदारी और सम्मान से निभाना ही आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
















