Meerut Cantt में Army जवान ने कार प्लेटफॉर्म पर चढ़ा दी, शराब के नशे में किया हैरान कर देने वाला काम
पूरा मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें एक सेना का जवान शराब के नशे में अपनी कार को सीधे रेलवे प्लेटफॉर्म पर चढ़ा देता है। यह घटना न सिर्फ यात्रियों के लिए खतरनाक थी बल्कि रेलवे सुरक्षा नियमों की खुली धज्जियां भी उड़ाती है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कार प्लेटफॉर्म के किनारे ट्रेन के बेहद करीब आकर रुकती है। यह दृश्य देखकर लोग दंग रह गए। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही मामला गरमाने लगा।
यह घटना कहां और कब की है?
घटना मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन की है, जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। हालांकि वीडियो की तारीख साफ नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई हाल ही में हुई है। कार का नंबर झारखंड राज्य का है और यह प्लेटफॉर्म पर बेहद खतरनाक तरीके से चलाई जा रही थी।
आरोपी कौन है और उसने ऐसा क्यों किया?
आरोपी की पहचान संदीप ढाका के रूप में हुई है, जो सेना का जवान है। अधिकारियों के अनुसार, वह घटना के समय नशे की हालत में था। जांच में सामने आया कि वह अपने परिजनों को ट्रेन पकड़वाने के लिए प्लेटफॉर्म तक कार ले गया, क्योंकि उन्हें एक मेडिकल इमरजेंसी के चलते दिल्ली पहुंचना था।
वीडियो वायरल होने के बाद कैसी रही प्रतिक्रिया?
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने सोशल मीडिया पर इस हरकत की कड़ी निंदा की। एक यूजर ने लिखा, “उसने सच में ट्रेन सीट तक Uber दे दी!” वहीं एक और यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “गुड जॉब ड्राइवर… डायरेक्ट पिकअप फ्रॉम ट्रेन।”
यह घटना न सिर्फ अनुशासनहीनता का प्रतीक बनी, बल्कि सोशल मीडिया पर सेना की छवि पर भी सवाल खड़े हुए। हालांकि कई लोगों ने कहा कि इस हरकत को पूरी सेना पर थोपना गलत होगा।
पुलिस और रेलवे की कार्रवाई क्या रही?
वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद GRP (Government Railway Police) और RPF (Railway Protection Force) ने संदीप ढाका को गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल जांच में उसकी शराब पीने की पुष्टि हुई। पुलिस ने उसका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया है और उसके रद्दीकरण के लिए रिपोर्ट भेज दी है।
कार को भी जब्त कर लिया गया है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। रेलवे प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त निगरानी की बात कही है।
इस घटना से क्या सीख मिलती है?
यह घटना एक बड़ा सबक है कि चाहे आप किसी भी पद या संगठन से जुड़े हों, कानून सबके लिए बराबर है। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर वाहन चलाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि अन्य लोगों की जान को भी जोखिम में डालता है।
सेना जैसे अनुशासनिक संगठन से जुड़े व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती। हालांकि मेडिकल इमरजेंसी एक संवेदनशील विषय हो सकता है, लेकिन उसके लिए कानून तोड़ना सही नहीं ठहराया जा सकता।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब किसी व्यक्ति ने रेलवे प्लेटफॉर्म पर वाहन चला दिया हो। इससे पहले भी अलग-अलग राज्यों से इस तरह के मामले सामने आए हैं। परंतु एक सेना के जवान द्वारा ऐसा करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
निष्कर्ष
Meerut Cantt की यह घटना कानून व्यवस्था और जिम्मेदारी की गंभीर याद दिलाती है। भले ही मकसद कितना भी नेक क्यों न हो, उसकी पूर्ति गलत तरीकों से नहीं की जानी चाहिए। उम्मीद की जाती है कि प्रशासन इस पर सख्त रुख अपनाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।
वीडियो ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है – क्या हमारी सार्वजनिक संस्थाएं और सुरक्षा व्यवस्थाएं पर्याप्त सतर्क हैं? और क्या आम नागरिक नियमों का पालन करना सीख पाएंगे?