अब बाइक की कीमत में मिल रहा है ई-रिक्शा? ₹65,000 में चलाने लायक गाड़ी?
हां, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है – ई-रिक्शा वो भी ₹65,000 में? पर इस खबर के पीछे एक अलग ही दास्तान है। चलिए, धीरे-धीरे समझते हैं कि सच्चाई क्या है और क्या वाकई में ये “बाइक जैसी कीमत में ई-रिक्शा” मिल सकता है या नहीं।
बात कुछ यूं है… (Not Clickbait, Just Smart)
आजकल कई online platforms और EV dealerships low-cost entry models या partially built ई-रिक्शा ऑफर कर रहे हैं। इनका base price ₹65,000 से शुरू होता है — लेकिन इसमें क्या-क्या शामिल होता है, ये जानना जरूरी है:
- ₹65,000 का मतलब: अक्सर ये कीमत semi-built या kit-based Rickshaw की होती है
- Battery alag se: इसमें battery, charger, और कुछ electronics शामिल नहीं होते
- Assembly ka kharcha: Body aur frame ready होता है, लेकिन full fitment local mechanic से करवाना पड़ता है
तो फिर चलाने लायक बनता कैसे है?
पूरी तरह से चलने लायक ई-रिक्शा बनाने के लिए ₹65,000 के अलावा कुछ और खर्च भी होता है:
Item | Estimated Cost |
---|---|
Battery (Lead Acid) | ₹20,000–₹25,000 |
Charger + Controller | ₹5,000–₹7,000 |
Labour/Assembly | ₹3,000–₹5,000 |
Final cost: ₹90,000 से ₹1,00,000 के करीब – जो अब भी market average ₹1.4–2 lakh से काफ़ी सस्ता है।
E Rickshaw Features – Budget Segment में क्या मिलता है?
₹1 लाख से कम के मॉडल्स में आमतौर पर ये features मिलते हैं:
- 4-seater capacity
- Lead Acid battery (70–80km range)
- Basic metal body और fiber roof
- Standard headlight, brake light, analog meter
- 5–7 घंटे में चार्जिंग
EMI सिर्फ ₹2500/महीना से शुरू?
अगर आप ₹10,000–₹15,000 down payment कर सकते हैं, तो EMI ₹2500–₹2800/month तक का प्लान मिल सकता है, 4–5 साल की repayment के साथ। ये scheme अक्सर local NBFC या dealership financing के जरिए मिलती है।
क्या Government Subsidy इसमें मिलती है?
कुछ राज्यों में अगर model approved है, तो ₹15,000–₹40,000 तक की EV subsidy भी possible है – लेकिन ये सिर्फ fully registered and compliant गाड़ियों पर ही लागू होता है। Semi-built या assembled Rickshaw इस दायरे में नहीं आते।
तो असल में बात क्या है?
✅ ₹65,000 में जो मिल रहा है, वो पूरा ई-रिक्शा नहीं बल्कि base shell या semi-built unit है।
✅ उसको चलाने लायक बनाने के लिए battery, charger, fitting, और paperwork जोड़ना पड़ता है।
✅ फिर भी, ये option उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो कम खर्च में शुरूआत करना चाहते हैं और local assembly करवाने का access रखते हैं।
Conclusion: किसके लिए सही है ये ऑप्शन?
- गांवों में रहने वाले लोग जिनके पास electrician/mechanic की मदद हो
- Low EMI या no loan वाले buyers
- First-time drivers जो test करना चाहते हैं ई-रिक्शा चलाना
2026 तक कुछ नए budget electric rickshaw models भी आने वाले हैं, जिनमें built-in battery + subsidy भी हो सकती है। ऐसे में अगर आप थोड़ा इंतज़ार कर सकते हैं, तो registered model चुनना बेहतर रहेगा।
*Yeh blog sirf awareness ke liye hai. Kisi bhi model ko kharidne se pehle proper enquiry aur document verification zaroor karein.*