संतान प्राप्ति के लिए राधा कुंड स्नान 2025: सही तरीका, समय और पूरी विधि
राधा कुंड मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। वैष्णव परंपरा में मान्यता है कि अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि को राधा कुंड में स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है। 2025 में यह विशेष अवसर 13 अक्टूबर की मध्यरात्रि (निशीथ काल) को आएगा।
इस article में हम आपको संतान प्राप्ति के लिए राधा कुंड स्नान की सही विधि, सटीक समय, तैयारी, नियम और सावधानियां step-by-step बताएंगे। यह जानकारी परंपरागत मान्यताओं और अनुभवी पुरोहितों के guidance पर आधारित है।
राधा कुंड स्नान क्या है और संतान से कैसे जुड़ा है
राधा कुंड उत्तर प्रदेश के गोवर्धन क्षेत्र में स्थित एक पवित्र सरोवर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के अभिमान को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। इसके बाद राधा रानी ने अपने हाथों से यह कुंड बनाया था, इसलिए इसे राधा कुंड कहते हैं।
संतान प्राप्ति से Connection:
वैष्णव शास्त्रों में उल्लेख है कि राधा रानी सृष्टि की जननी हैं और उनकी कृपा से ही सभी जीवों का जन्म होता है। विशेष रूप से अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि को राधा कुंड में स्नान करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
यह दिन “अहोई माता” की पूजा का भी होता है, जो संतान की रक्षा और कल्याण की देवी हैं। इस दिन की मध्यरात्रि को राधा रानी की कृपा विशेष रूप से बरसती है। जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा से श्रद्धापूर्वक इस स्नान को करते हैं, उन्हें एक वर्ष के भीतर संतान सुख की प्राप्ति होती है—ऐसी परंपरागत मान्यता है।
क्यों Midnight Bath?
मध्यरात्रि का समय (निशीथ काल) सबसे पवित्र माना जाता है क्योंकि इस समय सात्विक ऊर्जा अपने चरम पर होती है। चंद्रमा की किरणें, राधा कुंड का जल और भक्तों की श्रद्धा—तीनों का संयोग इस समय विशेष फल देता है।
13 October 2025 का सही समय (Exact Timing)
इस वर्ष अहोई अष्टमी की तिथि 13 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को है। राधा कुंड में स्नान के लिए सबसे शुभ समय निशीथ काल है।
सटीक समय सारणी:
| Event | समय (13-14 Oct 2025) | विवरण |
|---|---|---|
| चंद्रोदय (Moon Rise) | 11:40 PM (13 Oct) | चंद्रमा दर्शन के लिए |
| निशीथ काल शुरू | 11:41 PM (13 Oct) | स्नान शुरू करने का समय |
| निशीथ काल समाप्त | 12:30 AM (14 Oct) | स्नान पूरा करने की अंतिम सीमा |
| अष्टमी तिथि समाप्ति | 05:18 AM (14 Oct) | पूजन के लिए |
क्यों यह Window Critical है:
49 मिनट की यह छोटी अवधि (11:41 PM से 12:30 AM) सबसे अधिक शुभ मानी जाती है। इस समय चंद्रमा, राधा रानी की कृपा और अहोई माता का आशीर्वाद—तीनों एक साथ मिलते हैं। इस समय के बाहर स्नान करना उतना फलदायी नहीं माना जाता।
Important Note: समय local (Mathura/Vrindavan timezone – IST) के अनुसार है। अन्य राज्यों से आने वाले भक्तों को इसी समय को follow करना है।
स्नान से पहले की तैयारी (Pre-Bath Preparation)
राधा कुंड स्नान की विधि सुबह से ही शुरू हो जाती है। सही तरीके से तैयारी करने से स्नान का पूरा फल मिलता है।
Morning (13 Oct – सुबह से):
- सूर्योदय पर संकल्प: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। पति-पत्नी दोनों मिलकर संकल्प लें: “हम संतान प्राप्ति के लिए आज रात राधा कुंड में स्नान करेंगे।”
- निर्जल व्रत: दोनों पूरे दिन व्रत रखें (पानी भी नहीं)। यदि health issue हो तो केवल फलाहार लें।
- सात्विक आचरण: पूरे दिन ब्रह्मचर्य, सकारात्मक विचार, मांस-शराब से परहेज।
शाम को (Evening – 13 Oct):
- Travel to Radha Kund: शाम 5-6 बजे तक गोवर्धन/राधा कुंड पहुंच जाएं। रात को भीड़ बहुत होती है।
- महिलाओं के लिए विशेष: केश खुले रखें (बाल बांधकर नहीं)। इससे राधा रानी की कृपा जल्दी होती है।
- पूजा सामग्री साथ लाएं:
- एक विशेष फल (केला या सेब recommended)
- अगरबत्ती, दीपक, माचिस
- साफ कपड़े (स्नान के बाद पहनने के लिए—2 जोड़ी)
- तौलिया (2)
- छोटी पूजा की थाली
7:00 PM Onwards – Waiting Period:
राधा कुंड के किनारे बैठकर प्रतीक्षा करें। इस समय का सदुपयोग करें:
- राधा कृष्ण स्त्रोत्र पाठ: “श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्रम्” या “राधा अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत्रम्”
- मानसिक तैयारी: शांत मन से बैठें, संतान की कामना मन में रखें
- Purohit से Guidance: यदि first time हैं तो कुंड के किनारे बैठे किसी पुरोहित से विधि समझ लें
राधा कुंड स्नान की सही विधि (Step-by-Step)
यह सबसे महत्वपूर्ण section है। प्रत्येक step को ध्यान से follow करें:
Step 1: चंद्रमा दर्शन (11:40 PM):
निशीथ काल शुरू होने से ठीक पहले, आकाश में चंद्रमा को देखें। मन में प्रार्थना करें: “हे चंद्र देव, हमारे संतान प्राप्ति के संकल्प के साक्षी बनें।” तारों को भी साक्षी मानें।
Step 2: कुंड में उतरें (11:41 PM – Exactly):
पति-पत्नी दोनों साथ में कुंड की सीढ़ियों से उतरें। ध्यान रखें:
- Steps slippery होती हैं—सावधानी से
- पहले पैर का अंगूठा पानी में डालें, फिर धीरे-धीरे पूरा शरीर
- कपड़े पहने हुए ही स्नान करें (traditional white clothes)
Step 3: Three Kund Sequence (Traditional):
यह sequence बहुत important है:
- पहले राधा कुंड में स्नान: 3 बार डुबकी लगाएं, हर बार “Radhe Radhe” बोलें
- फिर श्याम कुंड (बगल में): 3 बार डुबकी, “Hare Krishna” जाप करें
- दोबारा राधा कुंड: फिर से 3 बार डुबकी—यह final और सबसे important है
कुल मिलाकर 9 बार डुबकी—लेकिन तीनों कुंडों में क्रम से।
Step 4: विशेष फल की पूजा (Water में):
अंतिम डुबकी के समय, अपने साथ लाया हुआ फल (केला/सेब) दोनों हाथों में पकड़ें। मन में प्रार्थना करें:
“हे राधे! हम दंपत्ति संतान सुख की कामना से आपकी शरण में आए हैं। कृपया हमें स्वस्थ संतान का वरदान दें। यह फल हम आपको अर्पित कर रहे हैं—जब संतान होगी, तब इसे फिर यहां लाकर चढ़ाएंगे।”
फल को पानी में तीन बार touch करें, लेकिन छोड़ें नहीं। इसे वापस ले आएं।
Step 5: कुंड से बाहर आएं (12:15 AM तक):
निशीथ काल समाप्त होने से पहले (12:30 AM) बाहर आ जाएं। Changing area में साफ कपड़े पहनें।
Step 6: राधा रानी की पूजा (12:20-12:30 AM):
कुंड के किनारे स्थित राधा रानी के मंदिर में जाएं:
- दीपक जलाएं
- अगरबत्ती चढ़ाएं
- वही फल अर्पित करें जो स्नान के समय लाए थे
- प्रार्थना करें और प्रसाद लें (अन्य प्रसाद—फल को छूएं नहीं)
Step 7: फल को संभालकर रखें (Critical):
यह सबसे महत्वपूर्ण step है:
- जो फल अर्पित किया है, उसे वापस घर ले आएं
- इसे साफ कपड़े में लपेटकर पूजा घर में रखें
- तब तक इसे न खाएं जब तक संतान प्राप्ति न हो
- जब संतान होगी, तब इसी फल को (या उसकी memory में नया फल) फिर से राधा कुंड लाकर अर्पित करें
यह परंपरा का सबसे पवित्र अंग है। फल राधा रानी के आशीर्वाद का प्रतीक है।
संतान प्राप्ति के लिए राधा कुंड स्नान—पति-पत्नी दोनों साथ में (Illustration)
क्या करें और क्या न करें (Do’s & Don’ts)
✅ जरूर करें (Do’s):
- दोनों साथ: पति-पत्नी अवश्य साथ में स्नान करें—अकेले नहीं
- श्रद्धा पूर्वक: पूरी आस्था और विश्वास के साथ
- निर्जल व्रत: सुबह से रात तक (possible हो तो)
- साफ मन: किसी से बुरा न सोचें, क्षमा भाव रखें
- Purohit Guidance: पहली बार हैं तो किसी अनुभवी से मार्गदर्शन लें
- Safety First: Steps पर सावधानी, भीड़ में एक-दूसरे का हाथ पकड़कर
- Valuables: Mobile, jewelry किसी विश्वसनीय के पास छोड़ें या locker में
❌ बिल्कुल न करें (Don’ts):
- शराब/मांस: स्नान से 3 दिन पहले और 3 दिन बाद तक avoid करें
- अकेले स्नान: केवल पत्नी या केवल पति—यह गलत है, दोनों साथ compulsory
- Loud Noise: चिल्लाना या शोर करना—शांति बनाए रखें
- जल्दबाजी: भागदौड़ में steps से गिरने का खतरा
- समय से बाहर: निशीथ काल (11:41 PM – 12:30 AM) के बाहर स्नान का फल नहीं मिलता
- फल खा लेना: अर्पित किया हुआ फल संतान प्राप्ति से पहले न खाएं
- Camera/Video: पवित्र स्थल है—selfie/video से बचें
कितने समय में फल मिलता है?
परंपरागत मान्यता के अनुसार, यदि पूरी श्रद्धा और सही विधि से राधा कुंड स्नान किया जाए, तो एक वर्ष के भीतर संतान प्राप्ति होती है।
कुछ Important Points:
- यदि medical issue है (infertility) तो treatment के साथ-साथ यह विधि करें
- कुछ दंपत्ति एक बार में फल नहीं मिलने पर अगले साल फिर से आते हैं
- Faith और patience दोनों जरूरी हैं
- राधा रानी की कृपा सबसे बड़ी—medical science के साथ spirituality का combination best है
Practical Tips for 2025
भीड़ Management:
अहोई अष्टमी की रात को राधा कुंड पर हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। Tips:
- सुबह ही पहुंचें: 13 Oct को दिन में ही पहुंच जाएं, रात को traffic jam होता है
- Parking: कुंड से 1-2 km दूर गाड़ी खड़ी करनी पड़ सकती है
- Queue System: Midnight के पास organized queues बनते हैं—follow करें
Ladies Facilities:
Changing rooms limited हैं। Wet कपड़े बदलने के लिए:
- सूखा extra कपड़ा plastic bag में रखें
- Quick-dry towels लाएं
- यदि possible हो तो nearby hotel/dharamshala में room book करें
Safety Precautions:
- Slippery Steps: कुंड की सीढ़ियां गीली और फिसलन भरी होती हैं—धीरे-धीरे चलें
- स्वास्थ्य: यदि heart problem, BP, या pregnancy है तो डॉक्टर से confirm करें
- Kids: बच्चों को संभालकर रखें—भीड़ में खो सकते हैं
- Emergency: किसी local का contact number note करें
Travel Information:
- Location: राधा कुंड, गोवर्धन, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश
- Distance: मथुरा से 25 km, वृंदावन से 15 km, दिल्ली से 160 km
- Stay Options: गोवर्धन में dharamshalas, मथुरा-वृंदावन में hotels
प्रश्न और उत्तर (FAQs)
Q1: क्या दोनों (पति-पत्नी) का जाना जरूरी है?
A: हां, बिल्कुल जरूरी है। संतान प्राप्ति के लिए दंपत्ति दोनों को साथ में स्नान करना अनिवार्य है। अकेले जाने से फल नहीं मिलता।
Q2: समय से पहले या बाद में स्नान हो जाए तो?
A: निशीथ काल (11:41 PM से 12:30 AM) के बाहर स्नान का वह फल नहीं मिलता जो परंपरा में बताया गया है। सटीक समय पर ही स्नान करें।
Q3: क्या unmarried couple जा सकते हैं?
A: यह विधि विवाहित दंपत्तियों के लिए है। Unmarried के लिए परंपरागत रूप से यह नहीं है।
Q4: कितनी बार यह विधि करनी होती है?
A: परंपरा के अनुसार एक बार पूरी श्रद्धा से करना पर्याप्त है। लेकिन कुछ लोग यदि एक वर्ष में फल नहीं मिला तो अगले साल repeat करते हैं।
Q5: फल कौन सा लेकर जाएं?
A: केला या सेब सबसे common हैं। कोई भी seasonal fresh fruit ले सकते हैं। Important यह है कि वह फल संतान होने तक न खाएं और बाद में फिर अर्पित करें।
Q6: क्या गर्भवती महिला यह स्नान कर सकती है?
A: गर्भवती होने पर इस स्नान की जरूरत नहीं है। यदि फिर भी जाना चाहती हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें—भीड़ और ठंडे पानी के concerns हैं।
Q7: क्या यह वाकई काम करता है?
A: यह faith-based practice है। हजारों दंपत्ति इस पर विश्वास करते हैं और हर साल आते हैं। Medical science के साथ इसे combine करना सबसे अच्छा approach है। Spirituality + treatment = best results।
निष्कर्ष (Conclusion)
राधा कुंड स्नान वैष्णव परंपरा की एक पवित्र और आस्था से भरी विधि है। 13 October 2025 की midnight (11:41 PM से 12:30 AM) संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपत्तियों के लिए विशेष अवसर है।
सही तैयारी, सही समय, और पूरी श्रद्धा के साथ यदि यह विधि की जाए, तो राधा रानी की कृपा अवश्य होती है। साथ ही, medical treatment भी चलते रहें—faith और science दोनों मिलकर बेहतर परिणाम देते हैं।
सभी इच्छुक दंपत्तियों को हमारी शुभकामनाएं। राधे राधे!
Disclaimer: यह article परंपरागत मान्यताओं और धार्मिक विश्वासों पर आधारित है। संतान प्राप्ति के लिए medical consultation भी जरूर लें। हम किसी guaranteed result का दावा नहीं करते—यह पूर्णतः faith-based practice है।
Last Updated: 12 October 2025 | राधे राधे
















