हरतालिका तीज हिंदू परंपरा का सबसे पावन व्रत माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएँ भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। साल 2025 में हरतालिका तीज 25 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। कई जगह 26 अगस्त का भी उल्लेख है, लेकिन पंचांग के अनुसार प्रमुख तिथि 25 अगस्त को मानी जा रही है।
हरतालिका तीज 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
- तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025, सुबह 6:25 बजे
- तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2025, सुबह 4:50 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त: 25 अगस्त की रात्रि 7:05 से 9:20 बजे तक
हरतालिका तीज व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। उसी तपस्या की स्मृति में यह व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएँ निर्जला व्रत रखकर अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज पूजा के लिए सामग्री
- मिट्टी या पीतल की शिव-पार्वती की प्रतिमा
- पान, सुपारी, नारियल
- सिंदूर, बिंदी, कंगन, चूड़ी
- फल, मिठाई और पंचामृत
- पुष्प और बेलपत्र
- दीपक और धूपबत्ती
हरतालिका तीज 2025 व्रत की पूजा विधि
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर या मंदिर में भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- पूजा में हल्दी, चंदन, सिंदूर और पुष्प अर्पित करें।
- व्रत कथा का श्रवण करें और भगवान शिव-पार्वती का ध्यान करें।
- अखंड सौभाग्य और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें।
हरतालिका तीज पर भूलकर भी न करें ये ग़लतियाँ
- व्रत के दौरान भोजन या जल ग्रहण न करें (निर्जला व्रत परंपरा है)।
- काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- क्रोध, झगड़ा या अपशब्दों का प्रयोग न करें।
- शिव-पार्वती की पूजा में तुलसी का उपयोग न करें।
- व्रत कथा सुने बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- संध्या पूजा का समय न छोड़ें।
- माता पार्वती की पूजा में सिंदूर और सुहाग सामग्री अर्पित करना न भूलें।
हरतालिका तीज का धार्मिक और सामाजिक महत्व
यह व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएँ सजधज कर एक-दूसरे के घर जाती हैं, गीत गाती हैं और तीज का पर्व मनाती हैं। यह पर्व नारी शक्ति, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।
निष्कर्ष
हरतालिका तीज 2025 का व्रत महिलाओं के लिए अत्यंत पावन अवसर है। सही पूजा विधि और नियमों का पालन करके यह व्रत फलदायी माना जाता है। ध्यान रहे कि व्रत के दौरान ऊपर बताई गई ग़लतियों से बचना आवश्यक है।
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Source: Drik Panchang, मीडिया रिपोर्ट्स













